केंद्रीय श्रमिक संजठनों ने 25 सितंबर को किसानों और बट मजहरो के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को अपबा समर्थन देने की सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार को किसान विरोधी कदम उठाना बंद करना चाहिये। किसानों ने संसद में चारित दो कृषि विधेयकों का विरोध करनेके लिए इस प्रदर्शन का आहान किया है.
दिश के ।0 केद्रीय ट्रेड यूनियवों साझा बयान में कहा कि कैत्र के श्रमिक संघों के संयुक्त मंच ने किसानों और कृषि श्रमिकों के साझा मंच - अखिल आरतीय किसान संघर्ष समत्वय समिति की पहल को अपवा समर्थन देने का ऐलान किया है। अखिल भारतीय किसान संघर्च समत्वय समिति ने 25 सितंबर 2020 को देशव्यापी विरोध एवं प्रतिरोध जताने का ऐलान किया है।
बयान में कहा गया, “हम विनाशकारी बिजली संशोधन विधेयक 2020 के विरोध में भी उनका साथ देते हैं।” दस ट्रेड यूनियनों में एनटीयूसी, एटक, एचएमएस, सी; एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, ७ 25 सितम्बर को देशव्यापी विरोध किया जाएगा एसईडब्ल्यूए, एक्ट, एलपीएफ बुझीबूसी, शामिल कहा गया है कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और सेक्टोरल फेडरेशनों ने अपने- अपने क्षेत्रों में और आसपास के क्षेत्र मं श्रमिकों और उनके चुलियनों को विनेध और के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान किया है। ट्रेड यूनियनों ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित 'काूनों का उद्देश्य, कृषि उपज परी तरह से बहेंजमीयार कॉरपोरेट गठजोड़ एवं बहुराष्टरीय व्यापारिक समूहों के कब्जे को स्थापित करने के लिए कृषि अर्वव्यवस्था के प्रबंधन को पूरी तरह से पुनर्गदित करना है।
ट्रेड यनियनों ने आरोप लगाया कि नए उपायों का उद्देश्य अडानी, विल्मर, रिलायंस, वॉलमार्ट, बिड़ला, आईटीसी जैसी बड़ी कंपनियों तथा विदेशी और घरेलू दोनों तरह की बड़ी व्यापारिक कंपनियों द्वारा मुनाफाओरी को बढ़ावा देना मी है।
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