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आंकड़ों को बेहतर समझ से ही जनहित में बेहतर योजनाओं का निर्माण किया जा सकता है। यह बात दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को एडवांस डाटा एनालिसिस क्षमता विकास कार्यक्रम का ऑनलाइन उद्घाटन अवसर परकहा। सिसोदिया ने दिल्‍ली के सर्वागीण विकास के समस्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए योजना निर्माण के लिए डाटा एनालिसिस की अच्छी समझ विकसित करने पर बल दिया।


उन्होंने कहा कि आप डाय की जितनी अधिक गहराई में जाएंगे आपको उतनी बेहतर योजना बनाने का अकसर मिलेगा। सिसोदिया ने कहा कि हमरे पास डाटा की भरमार होती है। लेकिन असली चीज तो उसकी समझ है। 

उसके विश्लेषण, रखरखाब और प्रसंस्करण की पड्धाति ऐसी होनी चाहिए, जो हमें भविष्य की जरूरतों को पूरा कल में मददकरे। सिसोदिया ने कहा कि अगर आज हमें यह पता लगाना हो कि एक साल की उम्र के कितने बच्चे दिल्‍ली में हैं तो हम आकलन करपाएंगेकि छह साल बाद हमें स्कूलों में पहली कक्षा के लिए कितने क्लासरूम की जरूरत होगी। 

अगर हम आकलन करें कि आज पहली कक्षा में कितने बच्चे है और 42 साल बाद हमें बारहवीं की कितनी सीटों की जरूरत होगी तो उस अनुरूप यह एडवांस प्लानिंग भी संभव होगी कि कितने इंफरास्ट्कचर की जरूरत होगी। योजना विभाग के अधिकारियों को इसकी गहरी समझ जरूरी है। दिल्‍ली सरकार के योजना विभाग जुड़े 25 योजना और सांख्यिकी अधिकारियों के लिए यह क्षमता विकास कार्यक्रम एक सप्ताह चलेगा। 

उंडियन इसव्यट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेश के सहयोग से यह प्ररंभ किया गया है। क्लीन डाटा तत्काल उपलब्ध कराने में सक्षम हो योजना विभाग... सिसोदिया ने कहा कि हमारे सभी विभाग, मंत्री और अधिकारी के लिए जरूरी हर डाटा हमारे योजना विभाग के पास होनी चाहिए। हमारे यौजना विभाग के पास ऐसी सक्षम टीम हो जो हमारी जरूरत के अनुसार क्लीन डाटा दो घंटे के भीतर उपलब्ध करा सके। 

सिसोदिया ने कहा कि अक्सर हम पतली फलयोट की बा सह उसकी वजह यही होती है कि यौजनाएं बनाते वक्त अधिकारियों को यह पता नहीं होता कि इसके लाभुक कितने लोग होंगे और कौन लोग होगे। सिसोदिया ने कहा कि एडबांस डाटा 'एनालिसिस का यहा काम है जो इन चीजों पर स्पष्टता बनाने मै मदद करे। 

सिसौदिया ने कहा कि जीएसटी होने के बाद किन सेक्टरों की नौकरी में क्या बदलाव आया है और किन सेक्टर मैं संभावना बढ़ी है, ऐसे डाटा भी काफी उपयोगी है। 

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