Ad

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सामूहिक बलात्कार के आये मैंगिसतार उत्तपदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को इलाज लिये दो महीने की अंतरिम जमानत देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशपरसोमवार को रोक लगा दी। उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने तीन सितंबर को प्रजापति को अंतरिम जमानत दी थी। 

प्रजापति उत्तर परदे में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री थे। उच्च न्यायालय से जमानत के बावजूद प्रजापति घोखाघड़ी के 'एक नये मामले के कारण जेल में थे। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के कथन का #. उच्ब न्यायालय ने संज्ञान लिया और इल्लाजकेलिवेदे .. करके से मेंडिकल जापति की जमानत के. लहीने की अंतरित्त. आधार पर दो महीने आदेश पर रोक लगा दी।

को जमातत पदातेकर पीठनेइसके साथही आरोपी. जगामत दी थी. लेकिन इस तथ्य को अजापति से अपील पर जवाब नजरअंदाज किया कि मांगा है। गज्य सरकार ने अपनी आरोपी का लगातार प्रतिष्ठित अपील में कहा है कि उच्च न्यायालय केजीएमसी और संजब गांधी जे पॉकसो मामले में आगेपी को गलत पीजीआई में इलाज चल रहा था। यही नहीं, आरोषी की मुख्य जमानत याचिका 28 सितंबर के लिये सूचीबद्ध थी। 

राज्य सरकार ने कहा कि आरोपी पूर्ववर्त सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री था और सत्ता के गलियारे में उसका काफी प्रभाव है। अपील में कहा गया है कि आरोपी की राजनीतिक हैसियत का अनुमान इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही पथमिकी दर्ज की जा सकी थी। 

उच्च न्यायालय ने आयोपी को जमानत देते हये कहा था कि पूर्व मंत्री को कोविड-)9 से वास्तव में खतरा है और डाक्टरों ने उन्हें सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में उपचार कराने की सलाह दी है, क्योंकि वह कई बीमारियों से ग्रस्त है.

Ad