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नई दिल्‍ली: बैंक से फर्जी प्रॉप्ी के दस्तावेज के नाम 'पर करोड़ों की क्रेडिट लिमिट प्राप्त कर बैक के साथ फर्जीबाड़ा करने जाले एक शातिर को आखिस्कार दिल्‍ली पुलिस की आर्थिक अपराध पक टोडलन यह ते गिरफ्तार कर लिया है। आयेधीकी पहुात 4 सालके राकेश सिंह के तौर पर की गई है, जो गुरुग्राम के सेक्टर-60 का रहने जाला है। उसपर विभिन्न राज्यों मे धोखाघड़ी के करीब 9 मामले दर्ज हैं। 


पिछले काफी समय से फरार रहने के कारण आरोपी को भगोड़ा घोषित किए जाने की तैयारी चल रही थी। घटना की पुष्टि करते हुए इईओडब्ल्यूके ज्वाइंट सीपी डॉ. ओपी मिश्रा ने बतावा घटना को लेकर 'कालकाजी स्थित लक्ष्मी विलास बैंक की ओर से पुलिस के पास शिकायत 'दर्ज कराते हुए बताया गया था कि गत 22 सितम्बर 205 को एमएस. जिया एो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आरोपी राकेश सिंह। के नाम पर उसके निदेशक ज्योति चौधरी और हरबिंद सिंह ने ढाई करोड़ रुपए की क्रेडिट फैसिलियी ले थी। 


इस क्रेडिट फैसिलिटी को मे नीता रानी गुता नामक महिला गरंटर बनी थी। जिसने दौलतपुर इलाके के साहिबाबाद गांव मे स्थित डी-93 को मॉर्गेजकिया था। करीब । माह के बाद दी गई क्रेडिट लिमिट को बढ़वाकर 3.25 करोड़ कर दिया गया। ऑडिट में फर्जीवाड़ा का हुआ खुलासा... शिकायत में बैंक अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 208 मे हुई बैंक की ऑडिट मैं पता चला कि बैंक के पास गिरवी रखे गए प्रॉपटी की सेल डीड फर्जी है जब गारंटर नीता कक गुप्ता का पत्ता लगाया गया तो वह अपने विकासपुरी के पते से गायब मिली। 


आगे की जांच मैं उसका कैवाईसी के दस्तावेज भी फर्जी पाए गए। पुलिस टीम ने जब मामले की जांच शुरू की तो पत्ता चला कि उक्त कम्पनी जीया एप रइवेट लिमिटेड नामक कम्पनी को संचालित करता है और वह पी आरोपी है। जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरौपियों ज्योती, हरबिंद सिंह और राकेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की। तब से ही आरोपी राकेश फरार था, जिसे गुरुग्राम मै ट्रेस कर पलक ने गिरफ्तार कर लिया है। 

गिरफ्तार आरोपी अलग-अलग कम्पनी बनाकर कडी समय से ठगी कर रहा है। फिलहाल पुलिस को अन्य दोनों आरोपियों की तलाश है। 

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